सभी मूलनिवासी भाइयो को जै भीम 🐘🐘🐘
भाइयो, आज मैं राजस्थान चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में राजस्थान गई। ये देख कर मेरा चेहरा दुःख से नीला पड़ गया कि किस प्रकार मनुवादी BJP सरकार की उपेक्षा के कारण वहां का बड़ा हिस्सा बिन पानी के रेगिस्तान हो गया है।
हम दलितों ने भीमजोदड़ो बसाया … भीड़प्पा बसाया .. कहीं पानी की दिक्कत नहीं हुई।
इन सारी सभ्यताओं को बसा कर जब मूलनिवासी थक गए तो दलित वैज्ञानिक प्रमोद रजक ने थकान मिटाने के लिए दिव्य पेय भीमरस Imperial Blue का आविष्कार किया लेकिन मनुवादियों ने नीले रंग के भीमरस को सुनहरा रंग का बना कर और प्रमोद की जगह Pernod Richard का नाम देकर हमारे आविष्कार पर कब्ज़ा कर लिया।
सभी मूलनिवासी थकान भगाने के लिए इसका सेवन करते।लेकिन वक़्त रहते उन्हें अंदाज़ा लगा कि इसे नीट पीने से उनकी फट रही है….अंतड़ियां। पानी नदियों में मौजूद था पर मनुवादी उन्हें लेने न देते थे और तालाबो में हाथी नहाते थे जिसके इस्तेमाल हम कर नहीं सकते थे
सभी चिंतित थे कि भीमरस का सेवन कैसे किया जाए तभी आकाश से एक दिव्य पुरूष कोट पेंट पहने और हाथ में नीली डायरी लिए प्रकट हुए।उन्होंने आश्वाशन दिया कि वो समस्या सुलझाएंगे।
दिव्य पुरुष ने अपनी डायरी का एक पन्ना फाड़ा और उसे हवा में उड़ा दिया। वो पन्ना पश्चिम दिशा की और उड़ चला और पीछे पीछे दिव्य पुरूष भी चल पड़े। चलते चलते वो एक नदी के तट पर पहुंचे, दिव्य पुरुष ने देखा कि नदी का पानी तो शुद्ध है पर ये रंगहीन है। वो आगे बढे,जैसे ही नदी का पानी उनके कदमो से टकराया सारा पानी नीला हो गया। उस नदी के आस पास के लोगों ने जब ये चमत्कार देखा तो उस नदी का नाम नील नदी रख दिया।
दिव्य पुरुष ने अपनी डायरी से एक और पन्ने को फाड़ा और उसकी एक हाथी बनाई। उस हाथी पर 'गजगामिनी' लिखकर पानी में छोड़ दिया। हाथी बहने लगा और सारा पानी उस हाथी के पीछे बहने लगा। हाथी हिमालय जा पहुंचा जहां कुछ दुष्ट मनुवादी ऋषियों ने जाल फेंककर उस नदी का सारा नीला रंग खींच लिया। पानी फिर से रंगहीन हो चूका था।
ये पानी बहते बहते मूलनिवासियो की बस्ती भीमजोदड़ो और भीडप्पा में पहुंचा। अब वो इम्पीरियल ब्लू आसानी से पी सकते थे।मूलनिवासियो ने खुश होकर उस नदी का नाम भीमगंगा रख दिया। लेकिन मनुवादी दुष्टों ने अपने काल्पनिक इतिहास में इस नदी का नाम सिर्फ गंगा बताया और उसे यहाँ लाने का सारा श्रेय दिव्य पुरुष की जगह किसी ब्राम्हण भागीरथ को दे दिया।
सभी मूलनिवासी भाई इस सच्चाई को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।ताकि कपटी ब्राम्हणों का सच सामने आये।और कमेन्ट में जो भी लिखे शुरुवात "जै भीम" से करे ताकि हमें पता लगे कितने लोग हमारे साथ है मनुवादियों के खिलाफ ईस लड़ाई में।
चढ़ भागीरथ की छाती पर,
बटन दबाओ हाथी पर ।।
जै भीम! जै रिजर्वेशन
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