सभी मूलनिवासी भाइयो को जै भीम 🐘🐘🐘
भाइयो, आज जिसे देखा रॉयल एनफील्ड बाइक पर घूमने लगा है।पर क्या आपको इस बाइक की सच्चाई पता है…मैं बताती हूँ जिसे पढ़कर आप भुचक्के रह जाएंगे।
ये बात है भीमकाल के उस दौर की जब दलितों के लिए साइकिल चलाना आउट ऑफ फैशन और होता जा रहा था। मीणा बॉयज और मांझी मैजिक ग्रुप के लौंडे अपनी प्रेमिकाओं को कैसे रिझाए,ये समस्या बनती जा रही थी।
एक दिन रविंद्र वाल्मीकि सवैया नामक दलित हैंडसम हल्क अपनी महादलित प्रेमिका सुंदरी कुमारी संग हाथी पर सफर कर रहा था।हाथी काफी थक चुका था।हाथी बैठ गया, और सुंदरी कुमारी के सामने रविन्द्र की इज़्ज़त का कचरा हो गया।उसकी आँखों से नीले अश्रु बहने लगे।जैसे ही उसके अश्रु ने धरती को स्पर्श किया वहाँ भवंडर सा उठने लगा।और जिस तरह शक्तिमान की एंट्री होती उसी तरह "भीम भीम भीम भीम" की आवाज़ आने लगी और गोल गोल घूमते हुए दिव्यपुरुष प्रकट हुए।
दिव्यपुरुष ने रविन्द्र को शांत किया और अपने नीले कोट की बायीं जेब से सेफ्टी पिन निकालकर हाथी के पेट में चुभो दी।हाथी देखते देखते ही देखते पतला हो गया।अब दिव्यपुरुष ने हाथी के सर पर हाथ मारा और हाथी 13 फ़ीट से घटकर 3 फ़ीट का हो गया।
इसके बाद दिव्यपुरुष ने नीली डायरी खोली और मेकेनिकल इंजीनियरिंग का चैप्टर खोला…उसे फाड़ा और उसकी बत्ती बनाकर हाथी के पिछवाड़े डाल दिया।अचानक से हाथी ने एक मोटर बाइक का रूप ले लिया।उसकी पीठ सीट बन गयी, उसके दांत हैंडल, उसकी आँखे हेडलाइट, उसके पैर बाइक के टायर्स और उसकी पूँछ साइलेंसर बन गयी।
दिव्यपुरुष ने इसे "The Dalit Elephant" का नाम दिया।ये दलितों के पसीने से चलने वाली बाइक थी।रविन्द्र को बाइक का फार्मूला देकर दिव्यपुरुष चले गए।उस फॉर्मूले से रविन्द्र ने बहुत सारी बाइक्स बनाई और खूब नाम कमाया और सुंदरी संग ब्याह रचाकर हर रात जै भीम किया।
लेकिन कपटी मनुवादी इतिहासकारों ने रविन्द्र की जगह रोबर्ट वॉकर स्मिथ नामक मनुवादी का नाम डाला और Dalit Elephant को Royal Enfield बताया।
भाइयो, इस सच्चाई को जन जन तक पहुंचाई जाए ताकि मनुवादियों का सच सामने आये और हमारा नाम देख उनकी फट जाए….आँखे।
चढ़ एनफील्ड की छाती पर
बटन दबाओ हाथी पर
जै भीम! जै रिजर्वेशन 🐘🐘🐘