सभी मूलनिवासी भाइयो को जै भीम 🐘🐘🐘
भाइयो, बाबा साहेब ने जब इस भीमांड का निर्माण किया तब से ही अपना देश कला के लिए मशहूर रहा है।आज मैं आपको एक ऐसी ही दलित कलाकार व उसकी महान कलाकृति की भीम-गाथा सुनाऊँगी जिसे पढ़ आप भुचक्के रह जाएंगे।
ये बात है करीब 100-150 साल पहले की जब स्पेन, अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देश में पिकासो पांडेय, लियोनार्डो द बनर्जी, Claude मेहता और विनसेंट वैन गर्ग जैसे मनुवादी पैंटरो व कलाकारों का बोलबाला था। लियोनार्डो द बनर्जी ने तो बाबा बंगाली के जादू से मोनालिसा मजूमदार नामक सवर्ण युवती की पेंटिंग बनाकर तहलका मचा दिया था।
बाबा साहेब को ये बात बहुत अखरती थी।रात को उनके आँखों से नीले अश्रु बहते।उनकी नसें नीली पड़ जाती थी।
एक दिन उनसे रहा न गया, उन्होंने अपनी नीली डायरी निकाली और उसके सप्तम अध्याय "Blue Art" को खोला।उसके तीसरे चैप्टर KLPD (Knowledge of Luxury Painting for Dalit) को खोला,फाड़ा, उसका लड्डू बनाया और "अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बॉ…पेंटिंग करे वो हाज़िर हो" कहते हुए भीम्बई (वर्तमान नाम मुंबई) के दलित चौपाटी (वर्तमान नाम जुहू चौपाटी) की तरफ फेंक दिया।
ये लड्डू वहाँ रहने वाले दलित पेंटर जो दीवारों पर "हाशमी दवाखना और गुप्त रोगी मिले" वाले विज्ञापन लिखता था, उसे जा लगा।उस पेंटर का नाम था मजनू मंडल जो अपने मनुवादी बॉस उदय शेट्टी के लिए काम करता था।
लड्डू देखते ही उसकी आँखे चुंधिया गयी।उसके अंदर पेंटिंग बनाने की भीमकला आ गयी। उसने तत्काल से इस महान पेंटिंग का निर्माण किया।
इस पेंटिंग में एक मनुवादी घोड़ा चेतक चौहान है जिसकी सवारी एक मूलनिवासी गधा दिलीप C मंडल कर रहा है। इस पेंटिंग ने ये सन्देश दिया पूरे भीमांड को कि मूलनिवासी ही सबसे ऊपर होंगे….आरक्षण के दम पर।और मेहनत करने वालों पर हमेशा नाल से बंधे होंगे।इस पेंटिंग में इतना तेज़ था कि इसे देख ब्राम्हण भुचक्कित हो जाते थे।क्षत्रियों की फट जाती थी…आँखे।इसी पेंटिंग के दम पर मजनू मंडल का टांका महादलित कन्या मल्लिका देवी से भिड़ा और उनके बीच जै भीम हुआ।
दोस्तों, आदि काल में जिस पेंटिंग को Carnegie Art Award, Carnegie Prize और Castelao Meda जैसे अवार्ड मिले; उसी पेंटिंग को आज भारत सरकार कूड़ा बताते हुए मजाक उड़ाती है।
इस सच को इतना शेयर करे कि भारत सरकार दिल्ली में इंडिया गेट पर ये अलौकिक पेंटिंग लगाने को मजबूर हो जाए।
चढ़ पिकासो की छाती पर
मुहर लगेगी हाथी पर
जै भीम! जै रिजर्वेशन!!